SEBI kya hai ? Sebi का कार्य।स्थापना।अधिकार। sebi ka full form in Hindi 

SEBI Kya Hai – भारत में किसी भी बिजनेस को  मॉनिटर करने के लिए एक संस्था होती है। जैसे आरबीआई भारत में बैंकों को मॉनिटर करती है उसी तरह शेयर बाजार को मॉनिटर करने के लिए SEBI की स्थापना हुई।

सेबी के आने से पहले भारतीय शेयर बाजारों में बहुत ज्यादा धोका घड़ी और scam होता था। निवेशकों के पैसों को सुरक्षित रखना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती थी।

इस बढ़ती हुई स्कैम और धोखाधड़ी के बाद भारतीय शेयर बाजार और भारत सरकार ने एक रेगुलेशन डिपार्टमेंट बनाने का फैसला लिया और इस प्रकार सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया 31 जनवरी 1992 का गठन किया गया।

सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के कार्य दिन प्रतिदिन और बढ़ते जा रहे है सेबी अब शेयर बाजार के नियम लागू करने के साथ-साथ म्यूचल फंड के आदि के मामलों को भी नियंत्रित करता है।

आप जब भी किसी स्टॉक ब्रोकर के साथ अकाउंट अपना ओपन करते हैं तो उस ब्रोकर को भी अब सेबी के साथ रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है।

तो आइए चलिए आज हम लोग सेबी क्या है क्यों इसकी आवश्यकता पड़ी इसके बारे में समझते हैं।

SEBI MEANING IN HINDI | SEBI Kya Hai

सेबी सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया एक नियामक संस्था है जो स्टॉक मार्केट को होने वाले ट्रांजैक्शन को रेगुलेट करती है।

कार्य के अनुसार सेबी के तीन मुख्य कार्य है

  • सिक्योरिटी
  • इन्वेस्टर
  • बाजार मध्यवर्ती

सीबी का मुख्य कार्य इन तीनों संस्थाओं को रेगुलेट करने का होती है।

वैसे सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया में कुल 9 सदस्य शामिल है

  • भारत सरकार द्वारा नियुक्त एक अध्यक्ष होना जरूरी है।
  • केंद्रीय वित्त मंत्रालय के 2 सदस्य होना जरूरी है
  • भारतीय रिजर्व बैंक के एक सदस्य होना जरूरी है
  • भारत सरकार द्वारा पांच सदस्यों की नियुक्ति होना जरूरी है इन पांच सदस्यों में 3 सदस्य पूर्ण कालीन होते हैं।

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SEBI FULL FORM IN HINDI

( SEBI – Security Exchange Board Of India )

सेबी का फुल फॉर्म सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया होता है। इसे हम हिंदी में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड भी कहते हैं। सेबी का मुख्य कार्य और उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में होने वाली ट्रांजैक्शन पार्शियल्टी और निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करना होता है। साथ ही यह संस्था ट्रेडर और निवेशकों के साथ होने वाली कोई भी धोखाधड़ी और स्कैम के खिलाफ मदद प्रदान करती है। सेबी की नज़र ब्रोकर के कार्य और उनकी एक्टिविटी पर भी होती है जिससे वह निवेशकों और ट्रेडर को सुरक्षा प्रदान कर सकें।

Sebi ka इतिहास

अगर बात करें SEBI के आधिकारिक तौर पर गठन की तो ये लगभग 1988 में ही हो गई थी लेकिन भारतीय संसद में सेबी एक्ट 1992 पारित होने के बाद इसे वैधानिक रूप से शक्तियां दी गई। सेबी का मुख्यालय मुंबई के बांद्रा कुर्ला कंपलेक्स में है। इसके अलावा कई शहरों में इसका क्षेत्रीय कार्यालय भी है जैसे दिल्ली, कोलकाता ,चेन्नई ,अहमदाबाद इत्यादि।

SEBI ACT 1992

भारत सरकार ने संसद में सेबी अधिनियम एक्ट 1992 मैं पारित किया था। सेबी एक्ट 1982 के अनुसार इसमें स्टॉक एक्सचेंज अन्य प्रतिभूति बाजारों के रेगुलेशन नियंत्रण करने की शक्ति है।

स्टॉक ब्रोकर ,सब ब्रोकर, रजिस्ट्रार ,ट्रस्टी, बैंकर से एक इश्यू, पोर्टफोलियो मैनेजर और अन्य बिचौलियों के प्रदर्शन को नियंत्रित और ऑडिट भी करता है।

सेबी एक्ट के तहत सेबी के निम्नलिखित और भी नियंत्रित कार्य हैं।

  • मुचल फंड का पंजीकरण और विनियमन
  • धोखा घड़ी को रोकना
  • अनुचित ट्रेड प्रेक्टिस होने से रोकना
  • कंपनियों का अधिग्रहण और उनके शेयर का पर्याप्त अधिग्रहण
  • निरीक्षण का कार्य
  • स्टॉक एक्सचेंज बिचौलियों के संगठनों का ऑडिट का संचालन करना

सेबी की शक्तियां और कार्य ( FUNTION AND POWER OF SEBI IN HINDI)

SEBI के कार्य

सेबी के कार्य इस प्रकार हैं।

  1. सुरक्षात्मक कार्य
  • ट्रेडर और निवेशकों के हितों की रक्षा करना : अगर बात करे सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया का प्रमुख जिम्मेदारी निवेशक को और ट्रेडर का धोखाधड़ी से शिकार ना बने इसको अमल करना है। SEBI समय-समय पर टीवी विज्ञापनों और कार्यक्रमों का आयोजन करके निवेशकों और ट्रेडर को शिक्षित करता है
  • मूल्यों में हेराफेरी पर नजर रखना: अगर बात करें शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव की तो प्रतिदिन हजारों में मार्केट ऊपर उठता है और नीचे गिरता है। लेकिन कभी-कभी कुछ उतार-चढ़ाव पहले से ही कुछ कॉरपोरेट या कॉरपोरेट के समूह या इंसाइडर ट्रेडिंग के द्वारा जानबूझकर किया जाते हैं इस तरह के उतार-चढ़ाव से निवेशकों को खासतौर पर बहुत ज्यादा नुकसान होता है। इस तरह की हेराफेरी को को रोकने के लिए सेबी कार्य करती है।
  • इंसाइडर ट्रेडिंग को रोकना: कंपनी के शेयर की कीमत के उतार-चढ़ाव की पहले से ही घोषणा या कंपनी के अंदर किसी भी नई खबर से शेयर बाज़ार अत्यधिक प्रभावित होता है। इंसाइडर ट्रेडिंग से पहले से जानने वाले लोग अपना पोजीशन बना लेते हैं उस स्टॉक पर और बाद में न्यूज़ आने के बाद मुनाफा बनाते हैं। इस प्रैक्टिस को रोकने के लिए सेबी द्वारा कड़े प्रतिबंधित नियम बनाए गए हैं।
  • वित्तीय मध्यवर्ती: सेबी शेयर बाजार में मध्यवर्ती है इसकी जिम्मेदारी बाजार में सभी लेन-देन को सुचारू रूप और सुरक्षित रूप से पूरा करना होता है।

2. शेयर बाजार में डेवलपमेंट फंक्शन को भी देखना : सेबी का कार्य शेयर बाजार में होने वाले डेवलपमेंट को भी देखना होता है। जैसे सिक्योरिटी एक्सचेंज रेडीमेड फॉर्म का परिचय वित्तीय माध्यमों का परीक्षण प्रदान करना एक्सचेंज के माध्यम से आईपीओ को अनुमति देना आदि कार्य होते है।

सेबी के अधिकार और शक्तियां

कुशलता पूर्वक  कार्य करने के लिए शेयर बाजार पर नजर रखने के लिए कुछ शक्तियां प्रदान की गई है।

  • अर्ध न्यायिक:  प्रतिभूति बाजार मैं निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के पास प्रतिभूति बाजार के संदर्भ में किसी भी प्रकार के अनैतिक कार्य और धोखाधड़ी संबंधित निर्णय लेने की शक्ति दी गई है।
  • अर्ध कार्यकारी: सेबी के पास नियमों और निर्णय को लागू करने के लिए उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की करने की शक्तियां प्रदान की गई है। अगर कोई इसके नियमों का उल्लंघन करता है तो यह निकाय खातों की पुस्तकों और अन्य दस्तावेजों का निरीक्षण करने के लिए अधिकृत है।
  • अर्ध विधाई : सेबी के निवेशक शहीदों को रक्षा करने के लिए कानून बनाने का अधिकार दिया गया है इसमें इंसाइडर ट्रेडिंग का नियम लिस्टिंग दायित्व प्रकृति करण आवश्यकताएं भी शामिल होती है। सेबी में किसी भी व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का अधिकार है जिसने शेयर बाजार के नियमों का उल्लंघन किया है।

Sebi customer care number (सेबी का हेल्पलाइन नंबर)

सेबी ने निवेशकों को ध्यान रखते हुए टोल फ्री नंबर का जारी किया है। इसमें आम जनता टोल फ्री नंबर 1800 266 7575 या 1800 22 7575 पर कॉल कर के सिक्योरिटी मार्केट से संबंधित प्रश्न पूछ सकते हैं।

टोल फ्री हेल्पलाइन सेवा पूरे भारत के निवासियों के लिए उपलब्ध है। यह सेवा लगभग 8 भाषाओँ में उपलब्ध है जिसमें अंग्रेजी हिंदी मराठी गुजराती तेलुगू तमिल कन्नड़ भी शामिल है। Toll free helpline सेवा सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम को 6:00 बजे तक उपलब्ध है। इसके अलावा आप SEBI के रजिस्टर ईमेल आईडी sebi@sebi.gov.in पर भी अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

निष्कर्ष

सेबी को ट्रेडिंग में स्वच्छता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया था। सेबी की स्थापना के बाद से यह सुधार लाने के लिए नए नए नियमों को लागू करता रहा है।

सेबी के आने के बाद स्टॉक मार्केट को कई तरह से अपग्रेड और ट्रेडिंग के लिए अधिक सुरक्षित और आदर्श बनाया गया है। बीते कुछ वर्षों के दौरान ट्रेडिंग मार्केट में सबसे अच्छा बदलाव फिजिकल ट्रेडिंग की जगह पर इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग के आने से हुआ है।

साथ ही स्टॉक एक्सचेंज में शामिल व्यवसाय के नियमन में इसकी भूमिका ट्रेड में निवेशकों के हितों की रक्षा करती है।  अंत में, ये एक शक्तिशाली निकाह है जो भारतीय ट्रेडर और निवेशकों का धोखाघडी से सुरक्षा प्रदान करता है।

आशा करते हैं हमारे इस ज्ञानवर्धक आर्टिकल को पढ़कर अपने सेबी के बारे में पूरा समझ लिया होगा इसी तरह फाइनेंस से जुड़ी हुई और भी जानकारी के हेतु आप हमारे वेबसाइट को सब्सक्राइब कर सकते हैं और नीचे दिए कमेंट बॉक्स पर जरूर से जरूर अपनी राय दे सकते हैं।

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